Friday, April 18, 2014

मैं अक्सर तेरे बारे में जब सोचता रहता हूँ। .......
 सच मान खुद में खुद को खोजता रहता हूँ....

तेरी यादों के भंवर से निकलना नामुमकिन तो नही ....
तैरना जान कर भी मैं इसमें डूबता रहता हूँ। ……


हर शै पे खता है मेरी  तो सजा मुझको मिले....
मैं खुद दुआओं में यही मांगता रहता हूँ। ....




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