Friday, May 14, 2010

Talaash

ज़िन्दगी को हर पल जैसे किसी चीज़ की तलाश रहती है कभी वो जीत होती है तो कभी कोई ऐसी चीज़ जो अपनी नहीं ....लेकिन ये तलाश कभी पूरी नहीं होतो क्योंकि अगर ये तलाश किसी की भी पूरी हो गयी होती तो कोई तो इस दुनिया ठहरा हुआ दिखाई पड़ता लेकिन हर एक इंसान बस भाग रहा है ....कोई पैसों के लिए तो कोई किसी को पाने के लिए अगर हर किसी का कोई लक्ष है तो वो है संतुष्टि और वो तो उसे भी नहीं होगी जिसने ये सारा का सारा संसार रचा है......लेकिन फिर भी कभी कभी ठहर जानेको दिल करता है कभी तो ये तलाश पूरी हो.....शायद मौत के बाद ही जिंदगी के सही मायने समझ में आते हैं......

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