Friday, June 25, 2010

मैं आज सिर्फ मुहब्बत के गम याद करूंगा
ये और बात है के तेरा नाम आ जाए .....
इस जिंदगी में यूँ तो ,किसी का दखल नहीं
पर देखें मर के ,शायद किसी के काम आ जाएँ....
दुनिया की खातिर तो हर दर्द सह लेंगे वो ....
पर बात हो मेरी तो मुश्किल तमाम आजायें....
मेरी मौत से तो दुनिया में कोई फर्क नहीं
पर डरता हूँ के उन पर ना कोई इलज़ाम आजाए...

1 comment:

  1. darde dil ke waste paida kiya insan ko barana ibadat ke liye kya fariste km the .
    arganikbhagyoday.blogspot.com

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