dil ka kona
Friday, November 13, 2009
उसने कहा था के हम लौट आयेंगे
बस उसी इंतज़ार उम्र सड़कों पे काटी हमने।
उसका क्या कसूर वो तो माहताब है...
हमारी ही पुरनम आंखों में अधूरे से ख्वाब हैं॥
बेदाग़ सी मोहब्बत लिए घूमते रहे
जाने किस किस से पुछा सनम के बारे में...
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