baton baton me baat badane ki zarurat kya thi...
nahin tha pyar to jatane ki zarurat kya thi....
main to pahle hi duniya ki bewafai se pareshan tha...
baaten wafa ki mujhko sunane ki zarurat kya thi....
the aur bhi log zamane me mere siwa....
bass meri hi taraf haath badane ki zarurat kya thi.....
main bhi jii leta andheron me auron ki tarah....
dil me jala ke chiraag bujhane ki zarurat kya thi....
maat thi meri har ek shah pe tha pata mujhe.....
maat ko meri mout banane ki zarurat kya thi......
Monday, January 24, 2011
Friday, January 21, 2011
अधूरी थी......
बातें मेरी और तुम्हारी तो अभी अधूरी थी.....
चल दिए बिन बताये ऐसी क्या मजबूरी थी....
वक़्त का था ये फैसला या कोई और बात थी.....
तुम्हारी थी ज़िन्दगी पर औरों के लिए भी ज़रूरी थी.....
चल दिए बिन बताये ऐसी क्या मजबूरी थी....
वक़्त का था ये फैसला या कोई और बात थी.....
तुम्हारी थी ज़िन्दगी पर औरों के लिए भी ज़रूरी थी.....
Tuesday, January 4, 2011
fitoor....
ऐ खुदा इश्क को मेरे फितूर करदे......
उसको भी हो मुझपे गुरूर... कर दे....
न देख पाऊँ मीरा और कबीर की तरह....
तू उसे श्याम और मुझे सूर करदे......
है मरासिम ये अटूट सब को पता है.....
तो करदे उसे शराब मुझे सुरूर करदे....
न रह पाउँगा बिन उसके तेरी दुनिया में....
कुछ तो कर ऐ खुदा कुछ तो ज़रूर करदे......
गुमनामियां हासिल हैं बस अब तलक ज़माने में.....
मजनू राँझा फरहाद और अब मुझे तू मशहूर कर दे......
उसको भी हो मुझपे गुरूर... कर दे....
न देख पाऊँ मीरा और कबीर की तरह....
तू उसे श्याम और मुझे सूर करदे......
है मरासिम ये अटूट सब को पता है.....
तो करदे उसे शराब मुझे सुरूर करदे....
न रह पाउँगा बिन उसके तेरी दुनिया में....
कुछ तो कर ऐ खुदा कुछ तो ज़रूर करदे......
गुमनामियां हासिल हैं बस अब तलक ज़माने में.....
मजनू राँझा फरहाद और अब मुझे तू मशहूर कर दे......
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