आज फिर उसने मुझे मेरे नाम गिना दिए....
वक़्त बे वक़्त के सारेसलाम गिना दिए....
मेरे करम का तो हिसाब न था पास उसके....
गाहे गाहे के थे जो सारे इलज़ाम गिना दिए.....
जिन से डरता मैं ही नहीं मेरी रूह भी है....
आज उसने मुहब्बत के वो सारे अंजाम गिना दिए....
मरासिम जो बचा था टूटे खँडहर सा....
वो आये और रिश्तों के एहतराम गिना दिए.....
मेरे रोज़ों से तो ताल्लुक भी न रक्खा कभी...
लेकिन इफ्तारी के वो सारे काम गिना दिए......
Tuesday, November 23, 2010
on my b'day....18 nov.
आज एक और साल उम्र का मैंने पार कर लिया.....
पहले का था बाक़ी फिर और उधार कर लिया.....
अब ऐ मौत तू भी अदाएं ना दिखा सनम की तरह.....
पहले ही बहोत तेरा इंतज़ार कर लिया.....
पहले का था बाक़ी फिर और उधार कर लिया.....
अब ऐ मौत तू भी अदाएं ना दिखा सनम की तरह.....
पहले ही बहोत तेरा इंतज़ार कर लिया.....
Monday, November 22, 2010
इल्म न था.....
मुझको तो इल्म ही न था उनके ख़यालों का .....
कैसे दूं जवाब उन मासूम सवालों का......
जिस ने काटी हो आवारगी में एक उम्र सड़कों पे....
वो क्या रक्खे हिसाब अपने पैर के छालों का....
आँखों में है अश्क होंठों पे हंसी है.....
यही है हश्र शायद गुज़रे हुए सालों का...
कैसे दूं जवाब उन मासूम सवालों का......
जिस ने काटी हो आवारगी में एक उम्र सड़कों पे....
वो क्या रक्खे हिसाब अपने पैर के छालों का....
आँखों में है अश्क होंठों पे हंसी है.....
यही है हश्र शायद गुज़रे हुए सालों का...
Sunday, November 7, 2010
Monday, November 1, 2010
लिखता हूँ...
आज उन तमाम रातों का हिसाब लिखता हूँ...
दुनिया से जो कह न सका वो जवाब लिखता हूँ....
मुझसा कोई जाहिल नहीं है शहर में....
चलो आज से खुद पे किताब लिखता हूँ.....
मेरी हकीमी है बस तज़ुर्बाकारी की....
मरीज़े इश्क की दवामैं शराब लिखता हूँ...
वो दूर भी है और उसमे नूर भी है......
बस इसीलिए तो उन्हें महताब लिखता हूँ...
दिल का गुलशन उम्र सा सुफैद हुआ...
उनके दीदार को मैं अपना खिजाब लिखता हूँ....
दुनिया से जो कह न सका वो जवाब लिखता हूँ....
मुझसा कोई जाहिल नहीं है शहर में....
चलो आज से खुद पे किताब लिखता हूँ.....
मेरी हकीमी है बस तज़ुर्बाकारी की....
मरीज़े इश्क की दवामैं शराब लिखता हूँ...
वो दूर भी है और उसमे नूर भी है......
बस इसीलिए तो उन्हें महताब लिखता हूँ...
दिल का गुलशन उम्र सा सुफैद हुआ...
उनके दीदार को मैं अपना खिजाब लिखता हूँ....
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