हर बार गिरती कीमत खुद की पहचान जाता हूँ....
दिल तो नहीं मानता पर मैं मान जाता हूँ……
मेरे हाथों में नहीं है कोई फैसला वक़्त का …
पर ऐ ज़िन्दगी लिखने वाले तेरे मैं कुर्बान जाता हूँ....
उसकी बाते उसकी खुशियां हर एक शै है उसकी....
कभी कभी ये देखे के हो मैं बेईमान जाता हूँ....
जब कभी खुद के गुनाहों के बात होती है.……
हूँ तो सिफ़र पर हो मैं भगवान जाता हूँ....