Friday, October 9, 2015

हर बार गिरती कीमत खुद की पहचान जाता हूँ....
दिल तो नहीं मानता पर मैं मान जाता हूँ…… 

मेरे हाथों में नहीं है कोई फैसला वक़्त का …
पर ऐ ज़िन्दगी लिखने वाले तेरे मैं कुर्बान जाता हूँ.... 

उसकी बाते उसकी खुशियां हर एक शै है उसकी.... 
कभी कभी ये देखे के हो मैं बेईमान जाता हूँ.... 


जब कभी खुद के गुनाहों के बात होती है.…… 
हूँ तो सिफ़र पर हो मैं भगवान जाता हूँ.... 






1 comment:

  1. ये जीवन तेरा बड़ा बेमिसाल है
    कर्म और प्राप्ति का माया जाल है।
    हैं राहों में रोढ़े तो क्या हुआ
    अपनों की दुआ बनी तेरी ढाल है।।......

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