मैं अक्सर तेरे बारे में जब सोचता रहता हूँ। .......
सच मान खुद में खुद को खोजता रहता हूँ....
तेरी यादों के भंवर से निकलना नामुमकिन तो नही ....
तैरना जान कर भी मैं इसमें डूबता रहता हूँ। ……
हर शै पे खता है मेरी तो सजा मुझको मिले....
मैं खुद दुआओं में यही मांगता रहता हूँ। ....
सच मान खुद में खुद को खोजता रहता हूँ....
तेरी यादों के भंवर से निकलना नामुमकिन तो नही ....
तैरना जान कर भी मैं इसमें डूबता रहता हूँ। ……
हर शै पे खता है मेरी तो सजा मुझको मिले....
मैं खुद दुआओं में यही मांगता रहता हूँ। ....
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